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हसदेव कटाई का निरंतर विरोध के बावजूद कटाई नियम विरुद्ध – हसदेव में स्थगन के पश्चात भी हसदेव कटाई सरकार की तानाशाही – पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मनीषा गोंड
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हसदेव कटाई का निरंतर विरोध के बावजूद कटाई नियम विरुद्ध –
हसदेव में स्थगन के पश्चात भी हसदेव कटाई सरकार की तानाशाही – पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मनीषा गोंड
विदित हो की छत्तीसगढ़ का सबसे घना जंगल हसदेव अरण्य पूरे देश में प्रसिद्ध है जहां केंद्र सरकार द्वारा ओपन कोल ब्लॉक के लिए अदानी को मिला है जिससे पूरा वनांचल प्रभावित होगा उक्त कोल ब्लॉक पर लैलूंगा की पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मनीषा गोंड जी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है की उक्त आबंटित कोल ब्लॉक पूरी तरह अवैधानिक है।
उक्त कोल ब्लॉक प्रभावित वनांचल के सहमति के बगैर आबंटित करना संदेहास्पद के साथ साथ राज्य सरकार के प्रकृति विरोधी चेहरा को भी दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि जबसे यह कोल ब्लॉक आबंटित हुआ है तबसे वनांचल वासी मुख्य रूप से हमारे आदिवासी भाई माता एवम बहनें लगातार इसके विरोध में आंदोलनरत हैं परंतु विडंबना है की केंद्र से लेकर राज्य सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।
गोंड जी ने वर्तमान प्रदेश सरकार को भी प्रकृति विरोधी बताते हुए कहा है की हमारे मुखिया आदिवासी होने के बावजूद भी हसदेव पर मूक दर्शक बने हुए हैं जो समझ से परे हैं। आदिवासी मुख्यमंत्री जी से उम्मीद थी की वो स्वयं वनांचल से आते हैं इस कारण प्रदेश के सबसे घने वन की रक्षा में अपनी अहम भूमिका निभायेंगे परंतु उनकी चुप्पी अदानी भक्त की ओर इशारा कर रही है।
मनीषा गोंड जी ने यह भी कहा की भाजपा सरकार अगर प्रकृति सहित आदिवासी हितैषी होती तो सदन से लेकर सड़क तक इसके लिए आवाज उठाती।
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के मुताबिक अब तक लगभग 3.50 लाख पेड़ों की कटाई की जा चुकी है और निरंतर जारी भी है यही नही स्थानीय द्वारा दावा भी किया गया है की जो पेड़ झाड़ियों के रूप में सूचीबद्ध हैं उन छोटे पेड़ों को भी काटा गया है। उन्होंने कहा की लगातार पेड़ों की कटाई से प्रदूषण के साथ साथ ऑक्सीजन की कमी भी आयेगी जिससे मानव जीवन सहित वनों के जीव जंतुओं के जीवन स्तर पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है जो की मुख्य रूप से जंगली हाथियों के आशियाने को भी प्रभावित कर रही है जिससे मानव हाथी द्वंद की स्थिति निर्मित हो रही है।
उन्होंने अंत में कहा की जंगल और आदिवासी विरोधी केंद्र और भाजपा की सरकार पूरी तरह उद्योगपतियों के हाथों बिक चुकी है इसलिए हम सभी को मिलकर हसदेव सरंक्षण हेतु सड़क से सदन तक उग्र प्रदर्शन करना होगा, उन्होंने उक्त आंदोलनकारियों का सादर आभार प्रकट करते हुए उक्त आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर में करने हेतु आह्वाहन भी किया है।।

