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छाल एसईसीएल कोयला तस्करी मामला में ड्राइवर समेत 3 आरोपी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़, रायगढ़, धरमजयगढ़, छाल (कीदा)

छाल एसईसीएल कोयला तस्करी मामला में ड्राइवर समेत 3 आरोपी गिरफ्तार

 

मालिक के कहने पर किया कांड, जोड़ी गई संगीन धाराएं

छत्तीसगढ़/रायगढ़/धरमजयगढ़ /छाल- रायगढ़ जिले के छाल एसईसीएल कोयला खदान में आय दिन नए नए मामला सुनने वा देखने को मिलते है वही अभी ताजा मामला कोयला चोरी की समाने आई है रायगढ़ पुलीस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के दिशा निर्देश, खरसिया SDOP प्रभात पटेल के मार्गदर्शन और छाल थाना प्रभारी हर्षवर्धन बैश के नेतृत्व में पुलिस ने कोयला तस्करी मामला  को सुलझाने में सफलता प्राप्त की है। रायगढ़ जिले के छाल SECL सब एरिया के खदान से दो ट्रकों में करीब 1 लाख 20 हजार रुपए के कोयला तस्करी केस में पुलिस ने वारदात में शामिल 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेते हुए आगे की जांच कार्यवाही शुरू कर दी है।
साथ ही इस केस की पुलिस एफआईआर में आरोपियों के विरुद्ध अन्य संगीन धाराएं भी जोड़ी गई हैं। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक खदान से कोयला तस्करी के इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों में वाहिद मोहम्मद खान, नीरज सिंह ठाकुर और प्रवीण कस्तूरे शामिल हैं। इस केस में आरोपी वाहिद ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया है कि यह कांड अपने मालिक इस्तियाक खान के कहने पर किया।
आरोपी के इस मेमोरेंडम के आधार पर आरोपी वाहिद से इस्तियाक द्वारा दिए गए 5 हजार रुपए और घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन जब्त किया गया है। वहीं इस मामले में पहले बीएनएस की धारा 305(इ) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। अब एफआईआर में बीएनएस की धारा 331(4), 316(3), 316(4) और लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3(2) जोड़ी गई है। गिरफ्तार तीनों आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
बता दें कि पूर्व में इस मामले को लेकर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसके मुताबिक़ बीते 31 अगस्त को छाल खुली खदान में रात्रि पाली में दो अनाधिकृत ट्रक जिनका गाड़ी क्रमांक क्रमश: सीजी 11 बीजे 7600 एवं सीजी 11 बीजे 7597 है, के द्वारा बिना किसी अधिकृत आरएफआईडी कार्ड के खान परिसर में प्रवेश किया गया एवं कोयला लोडिंग लेकर बूम बेरियर के पास बाहर निकासी हेतु पहुँचने के दौरान जांच में पाया गया कि उक्त दोनों ट्रकों के पास कोई अधिकृत आरएफआईडी कार्ड नहीं था। उपरोक्त दोनों ट्रकों के अवैध आपराधिक कृत्य के तहत प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस की तफ्तीश कर रही थी।।

 

सबसे बड़े आचार्य की बात तो ये है की सिर्फ छोटे कर्मचारी, पर ही कार्यवाही क्यों?? 
बड़े तक नही पहुंच पा रही है कानून, गाड़ी मालिक के ऊपर कार्यवाही कब??
और एसईसीएल के जो कर्मचारी अधिकारियों की मिली जुली नही थी?? अगर थी तो कार्यवाही कब??

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