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जुर्माना लगने के बाद भी माँ काली एलायंस में जन सुनवाई की तैयारी जोरों पर… आदिवासी समाज आक्रोशित 

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जुर्माना लगने के बाद भी माँ काली एलायंस में जन सुनवाई की तैयारी जोरों पर… आदिवासी समाज आक्रोशित 

माँ काली एलायस को लगा ₹25500 का जुर्माना फिर भी जनसुनवाई की तैयारियाँ जोरों पर

माँ काली एलायस ग्राम पाली पर 24 मई को लगा ₹25500 का जुर्माना फिर भी जनसुनवाई की तैयारियाँ जोरों पर!!

यहाँ कई बार सामने आया पर्यावरण नियमों की अनदेखी का मामला 

बड़े पैमाने पर पाए गए रहे नियम विरूद्ध काम

मजदूरों के सुरक्षा की भी नहीं है कोई चिंता 

 

जय जोहार इंडिया TV रायगढ़ छत्तीसगढ़ राज्य के पर्यावरण मंत्री का गृह जिला रायगढ़ होने के बाद भी जिले में पर्यावरण प्रदूषण लगातार जारी है और भयावह रूप से बढ़ता ही जा रहा है जिससे यहाँ दिया तले अंधेरा की कहावत चरितार्थ हो रही है। बता दें की यहाँ केयरिंग कैपिसिटी से अधिक उद्योगों की स्थापना की वजह से पर्यावरण पूरी तरह प्रदूषित हो चूका है। इन दिनों रायगढ़ जिले के करीब आधा दर्जन से भी अधिक उद्योगों के खिलाफ पर्यावरण विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया है जिसमें माँ काली एलायस का नाम भी शामिल है इस कार्रवाई में पर्यावरण विभाग की टीम ने अचानक उद्योगों में जांच के दौरान पर्यावरण नियमों की अनदेखी पाने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर नियम विरूद्ध काम पाये थे इस संबंध में संबंधित विभाग की टीम ने मां काली एलायस ग्राम पाली पर भी जुर्माना लगाया है। पर्यावरणनीय नियमों का पूरी तरह उल्लंघन करने के बाद भी अब मां काली एलायस प्राइवेट लिमिटेड को जनसुनवाई करने की अनुमति दे दी गई है जो की समझ से परे नजर आ रहा है।
इस संबंध में जिला पर्यावरण अधिकारी अंकित साहू ने बताया कि समय-समय पर मा काली कम्पनी में भी जांच टीम ने ईएसपी बंद होनें के साथ-साथ प्रदूषण संबंधी नियम का भी उल्लंघन पाया था और अर्थदण्ड में जुर्माना अधिरोपित करके पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगाई गई है।
यहां यह बताना लाजमी होगा कि लंबे समय से पर्यावरण विभाग को इस कम्पनी के खिलाफ पर्यावरण नियमों की अनदेखी के आरोप लग रहे थे और अचानक पर्यावरण विभाग की टीम ने जांच के बाद कंपनी में पर्यावरण नियमों का बड़ा उल्लंघन पाया था फिर भी कम्पनी के विस्तार के लिए तैयारी जारी है।
कुछ दिन पहले ही सुरक्षा के अभाव में दुर्घटना मृत्यु का मामला भी इस कम्पनी में हो चूका है जिसमें देलारी निवासी एक मजदूर की मौत हो चुकी है। इस क्षेत्र के पर्यावरण की स्थिति अब ऐसी नहीं है की यह अब प्रदूषण के दंश को झेल सके पर कम्पनी को तो अपना काम निकालना और जनता की आवाज़ दबाना बखूबी आता है जिसकी वजह से विकास रूपी विनाश की स्थिति बन रही है।
छग सर्व आदिवासी समाज (रूडी जन्य परम्परा पर आधारित) संगठन इसकी पूर्व रूप से विरोध करती है। महेन्द्र सिदार जिला मीडिया प्रभारी

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