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बर्रा ‘कोल ब्लॉक’ के आश्रित ग्रामीणों ने पहुंचे SDM कार्यालय, प्रशासन किसानों को न करे परेशान….नहीं तो अंजाम भुगतने को रहे तैयार….!!
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बर्रा ‘कोल ब्लॉक’ के आश्रित ग्रामीणों ने पहुंचे SDM कार्यालय, प्रशासन किसानों को न करे परेशान….नहीं तो अंजाम भुगतने को रहे तैयार….!!
जय जोहार इंडिया TV ग्रामीणों द्वारा कई बार विरोध करने के बावदुज भी, शासन प्रशासन द्वारा “कोल ब्लॉक” को बढ़वा देने की नियत पर कई हरकंडे आजमाया जा रहा है।

बर्रा ‘कोल ब्लॉक’ के आश्रित गांवों के कई किसानों को SDM द्वारा नोटिस भेज कर बुलाया गया था, जो कि कुछ किसानों को एक दिन पहले बुलाकर उन्हें कार्य पर बाधा नहीं डालने को कहा गया। पहली नोटिस में ग्रामीणों को जानकारी नहीं थी कि क्या है ??

पर अब ग्रामीणों को समझ आ गया हमारी एकता तोड़ने के लिए शासन प्रशासन की द्वारा चलाया जा रहा है नोटिस की अभियान!
दिनांक 22 अक्टूबर को कई किसानों को नोटिस भेजकर बुलाया गया था, जिसकी आक्रोश में किसान हजारों की संख्या में खरसिया sdm कार्यालय पहुंचे, भीड़ इतनी थी कि तत्काल पुलिस तैनात करनी पड़ी। और मुख्य द्वारा को बंद करना पड़ा, किसानों की कहना है कि कानून व्यवस्था सरकार बनाई रखें। और हमारी जमीन पर कोई नजर न गड़े।
ग्रामीणों – हमने ग्राम मुरा में 28 सितंबर 2024 को आयोजित जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में बर्रा ‘कोल ब्लॉक’ के अंतर्गत आने वाले आश्रित ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को जिला प्रशासन के समक्ष रखा था। जो शिविर में स्पष्ट रूप से बताया था कि उन्हें कोल ब्लॉक से जुड़ी जानकारी और उसके संभावित प्रभावों को लेकर चिंताएं हैं।
शिविर में प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही उन्हें उनकी समस्याओं का समाधान और जानकारी दी जाएगी।
लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की सूचना न मिलने पर अब ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

अब SDM कार्यालय से नोटिस भेजकर किसानों को बुलाया भेजा जा रहा है। जो अब किसानों बर्दाश नहीं करेंगे। शांति से कोल ब्लॉक निरस्त नहीं हुआ तो, महा आंदोलन करेंगे। जिसमें अगर कोई अनहोनी होगी तो, शासन प्रशासन की जिम्मेदारी होगी।
ग्रामीणों ने पिछले 17 अक्टूबर को हजारों की संख्या जाकर खरसिया के अनुविभागीय अधिकारी को पत्र लिखकर अपनी स्थिति से अवगत कराया था। इस कारण, ग्रामीणों को अपने भविष्य की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिताएं हैं, खासकर जब यह मामला ‘कोल ब्लॉक’ से संबंधित है, जिसका सीधा असर मानव जीवन , जीवजंतु पर्यावरण प्रकृति आदिवासी परम्परा आस्था पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है बर्रा कोल ब्लॉक को तत्काल निरस्त किया जाय, ताकि वे अनिश्चितता की स्थिति से बाहर निकल सकें। और खुशहाल जीवन जी सके।
हसदेव बचाओ आंदोलन की तरह बड़ी आंदोलन करने की तैयारी में ग्रामीण
खरसिया पांचवीं अनुसूची क्षेत्र अंतर्गत आता है, जो कि ग्राम सभा सर्वपरी माना जाता है, लोक सभा न विधानसभा – सबसे ऊंचा ग्राम सभा ।। लेकिन अब शासन प्रशासन विकास के नाम पर विनाश की ओर बढ़ रहा है।
पिछले सप्ताह आदिवासी समाज की बैठक में बर्रा खोल ब्लॉक के साथ जिले में कई उद्योग एवं कोयला खदान आ रही है, विषय में गहन चिंतन की गई। निर्णय लिया गया कि हमारी विरोध की गति को तेजी लाना है। और जल जंगल जमीन की बचाना है, क्योंकि पर्यावरण दूषित कर हमारी जीवन के लिए हानि कारक साबित होगा। प्रकृति और आदिवासी आस्था के साथ खेड़वाड़ कदापि मंजूर नहीं।।
छग सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश कमेटी को स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अवगत करा दिया गया है, और प्रदेश से तत्काल कमेटी बनाई जा रही है। अब प्रदेश व्यापी महा आंदोलन होने की संभावना जताई जा रही है।।

