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स्कैनिया स्टील एंड पावर लिमिटेड का विस्तार स्थानियों के लिए जानलेवा – यूथजिलाध्यक्ष JCCJ शासन प्रशासन को आम नागरिकों की सुविधाओं से कोई सरोकार नही – पुर्व विधानसभा प्रत्याशी

छत्तीसगढ़, रायगढ़

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स्कैनिया स्टील एंड पावर लिमिटेड का विस्तार स्थानियों के लिए जानलेवा – यूथजिलाध्यक्ष JCCJ

शासन प्रशासन को आम नागरिकों की सुविधाओं से कोई सरोकार नही – पुर्व विधानसभा प्रत्याशी

 

जय जोहार इंडिया TV रायगढ़ जिले में इस तरह उद्योगों के विस्तार से सामान्य जन जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है यही नही क्षेत्र का बढ़ता प्रदूषण भी चिंता का विषय है उक्त बातें जोगी कांग्रेस के युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष श्री आलोक स्वर्णकार ने कहा। उन्होंने ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए यह भी कहा की जिले में नए उद्योग एवम विस्तार पर पर्यावरण की केंद्रीय समिति कई बार प्रश्न चिन्ह लगा चुकी है और रिपोर्ट में कहा भी गया है की रायगढ़ प्रदूषण की मार झेलने में सक्षम नही है फिर भी सरकार केवल निजी स्वार्थ हेतु अनियंत्रित उद्योग स्थापना और विस्तार को अनुमति दे रही है जो समझ से परे है।
उन्होंने यह भी बताया की उद्योग विस्तार की सभी नियमावली को केवल कागजों में समेटकर उद्योग विस्तार किया जा रहा है जिससे स्थानीय आम नागरिकों को किसी भी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं नही मिल रही है, दुख इस बात का है की स्थानीय अपना जमीन देकर केवल कोयला डस्ट खाने को मजबूर है और प्रशासन के कान में जूं तक नही रेंग रही है।

इसी क्रम में स्केनिया उद्योग सहित सभी प्लांट का पुरजोर विरोध करने वाली जिला की सक्रिय नेत्री जेसीसीजे की लैलूंगा से पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मनीषा गोंड जी ने स्केनिया उद्योग के अवैधानिक विस्तार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की हमारे मुखिया आदिवासी वर्ग से हैं और रायगढ़ उनका संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद आदिवासियों का हर स्तर में शोषण होना विडंबना है यही नही विष्णु सरकार जिले में जहर घोलने के लिए उद्योगों को अनुमति दे रही है जो चिंता का विषय है।
स्वर्णकार जी ने आगे बताया की उद्योगनीति से मिलने वाली सुविधा का यदि 20 प्रतिशत लाभ भी स्थानीय को मिलता तो आज उनका जीवन स्तर में सुधार आ जाता उसके उलट सैकड़ों उद्योग होने के बावजूद यहां बेरोजगारी की भीषण समस्या से लोगो पलायन करने को मजबूर हैं जो विचारणीय है। मनुष्य तो मनुष्य उक्त उद्योग से वन्य जीव जंतुओं का आशियाना खत्म होने के कगार में है जिससे आसपास में मानव जंतु द्वंद देखने को मिल रही है।
मनीषा गोंड जी ने स्केनिया प्लांट के विस्तार से होने वाले परिवहन पर दबाव से दुर्घटना, अत्यधिक जल आपूर्ति से जल संकट सहित प्राकृतिक संसाधनों के विनाश पर भी भारी चिंता जताई है।
स्वर्णकार जी ने स्केनिया के आयरन ओर, कोल वाशरी, रोलिंग मिल सहित अन्य विस्तार की अनुमति को गैर कानूनी बताते हुए कहा कि इन उद्योगों से होने वाली गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए उक्त उद्योग द्वारा कोई भी पहल नही किया गया जो की मानव जीवन के लिए घातक है उन्होंने ने यह भी कहा की सीएसआर और रोजगार बिलकुल शून्य है जिसका सभी को मिलकर विरोध करना अति आवश्यक है।
हम सरकार से मांग करते हैं की आगामी 20 नवंबर की होने वाली जनसुनवाई को निरस्त करते हुए भौतिक सत्यापन पश्चात ही अनुमति मिलना चाहिए वरन क्षेत्रवासियों के साथ उग्र आंदोलन ही अंतिम विकल्प बचेगा।

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