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जल ग्रहण परियोजना से निर्मित संरचनाओ के देख भाल पर आधारित प्रशिक्षण (वर्मी कम्पोस्ट टैंक और नाडेप टैंक)

(कीदा) छत्तीसगढ़, रायगढ़, धरमजयगढ़

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जल ग्रहण परियोजना से निर्मित संरचनाओ के देख भाल पर आधारित प्रशिक्षण (वर्मी कम्पोस्ट टैंक और नाडेप टैंक)

 

जय जोहार इंडिया TV संतोष कुमार बिशी कि रिपोर्ट दिनांक 20 /12 /24 को नाबार्ड जल ग्रहण परियोजना – कुकरीचोली – तेंदूमुड़ी – छोटे जामपाली के अंतर्गत ग्राम – कुकरीचोली में जल ग्रहण संरचनाओं के देखभाल पर आधारित प्रशिक्षण वर्मी कम्पोस्ट टैंक और नाडेप टैंक के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन जन मित्रम कल्याण समिति के द्वारा किया गया । प्रशिक्षण उपरांत मास्टर ट्रेनर के रूप में कृषि विभाग से नीलांबर प्रसाद सिदार (एस .ए .डी .ओ.) खरसिया और डोमेश चौधरी ( आर . ए . ई . ओ .)खरसिया उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में उपस्थित किसानों को मास्टर ट्रेनर श्री एन.पी. सिदार जी (एस. ए .डी. ओ .)खरसिया के द्वारा वर्मी कंपोस्ट टैंक बनाने की विधि को संक्षिप्त में समझाते हुए बताया गया कि यह टैंक छायादार स्थान में बनाने हेतु उपयुक्त रहता है ।वर्मी कंपोस्ट टैंक बनाने का सही साइज लंबाई 12 फीट ,चौड़ाई 3 फीट , और ऊंचाई 2.5फीट रखने की बात किसानों को समझाया गया । वर्मी कंपोस्ट टैंक के साथ वर्मी वास बनाने की विधि वर्मी कंपोस्ट टैंक की 4% ढलान में रखने की जानकारी प्रदान किया गया ।जिसका लंबाई 2 फीट . चौड़ाई 2 फीट . और गहराई 2 फीट रखने का बात किया गया । वर्मी कंपोस्ट टैंक छायादार जगह नहीं होने पर टैंक के स्थान को छायादार शेड का निर्माण किया जाना चाहिए , ताकि केंचुए के लिए सही तापमान मिल सके । इस प्रकार से शेड तैयार हो जाने पर सर्वप्रथम शेड में खेत की मिटी 6 इंच डालने को कहा गया ।मिट्टी के ऊपर में गोबर खाद ,पेड़ पौधे के पत्ते परत दार परत डालने के लिए समझाया गया । इस टैंक में 5 किलोग्राम केंचुआ की जरूरत पड़ने की बात किसानों को समझाया गया । केंचुआ खाद चाय पत्ती के समान काला रंग दिखाई देने की जानकारी दिया गया। पहले लेयर 25 दिन में खाद दिखाई देने की बात उपस्थित किसानों को बताया गया ।जिसका रंग काला होना तथा चाय पत्ती के समान दिखाई देने की बात किया गया । वर्मी खाद का उपयोग धान की खेती ,पौध रोपण साग – सब्जी की खेती में उपयोग किया जाना बताया गया तथा यह खाद को घर पर ही काम खर्चों में तैयार होने की बात सभी किसानों को बताया गया । प्रशिक्षण उपरांत मास्टर ट्रेनर डोमेश चौधरी कृषि विस्तार अधिकारी खरसिया के द्वारा नाडेप टैंक बनाने के बारे में उपस्थित किसानों को संक्षिप्त में समझाते हुए बताएं कि जिसका लंबाई 12 फीट ,चौड़ाई 6 फीट , और ऊंचाई 3 फिट रखने की जानकारी दिया गया ।टैंक में चारों ओर छिद्र रखा जाना होगा क्योंकि गोबर खाद से निकलने वाला गैस बाहर निकल सके ।
नाडेप टैंक में खाद तैयार करने के लिए 9 इंच तक का पेड़ पौधे के अवशेष ,सूखा कचरा और गोबर खाद भरने को कहा गया नाडेप टैंक से बना खाद में N – 1.5 प्रतिशत , P- 1.4% और K- 1.5% पाया जाना बताया गया जिसका उपयोग किसान के द्वारा खेतों में आसानी से उपयोग किया जा सकता है ,यहां खाद को किसानों के द्वारा घर में ही रहकर अपने-अपने कोला बाड़ी में तैयार करने की बात किया गया साथ ही बहुत ही कम लागत में तैयार होने वाला खाद है ।खाद बनाने हेतु रॉ मैटेरियल गांव से ही किसानो के द्वारा आसानी से इकट्ठा किया जा सकता है। खाद तैयार करते समय बीच-बीच में पानी डालने की जरूरत पड़ती है और खाद तीन माह में तैयार हो जाता है इस तरह से नाडेप टैंक में खाद एक वर्ष में चार बार एक टैंक से तैयार किया जा सकता है । प्रशिक्षण मे जल ग्रहण समिति अध्यक्ष कृष्ण बल्लभ केसरवानी, कृषि विभाग से नीलांबर प्रसाद सिदार वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी खरसिया, डोमेश चौधरी ग्राम कृषि विस्तार अधिकारी, गुलाब चंद राठिया एवं जन मित्रम की ओर से परियोजना समन्वयक श्री जीवन लाल भगत और समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहें जिससे प्रशिक्षण सफल रहा।।

 

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