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जड़ भरत, अजामिल और प्रहलाद की कथा से दिया भक्ति श्रद्धा और त्याग का संदेश

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जड़ भरत, अजामिल और प्रहलाद की कथा से दिया भक्ति श्रद्धा और त्याग का संदेश

सुन्दर भजनों की प्रस्तुति ने किया श्रोताओं को मंत्रमुग्ध

जय जोहार इंडिया TV/छाल/  नवापारा छाल में राठौर परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पंडित श्री कौशलेन्द्र दुबे जी कृष्णा महराज ने अपनी मधुर वाणी से जड़भरत, अजामिल, प्रहलाद, गजग्राह एवं समुद्र मंथन की प्रेरणादायक कथाएं सुनाकर भक्ति और त्याग का संदेश दिया ।


सोमवार को कथा में भक्तों ने जड़भरत, अजामिल और प्रहलाद की कथाएँ सुनकर आत्मिक आनंद का अनुभव किया । कथा प्रवक्ता आचार्य कृष्णा महराज ने जड़भरत के त्याग और भक्ति के अद्भुत उदाहरणों को प्रस्तुत किया, जिनकी कथा सुनकर श्रद्धालुओं ने मनन किया कि वास्तविक भक्ति कैसे केवल भौतिकता से परे होती है। इसके बाद अजामिल की कहानी को सुनाते हुए कथा वाचक ने बताया कि कैसे एक साधारण जीवन जीते हुए भी उसने अपने अंतिम क्षणों में भगवान के नाम का स्मरण कर मोक्ष प्राप्त किया। यह कथा सुनकर श्रोताओं में यह संदेश गूंजा कि किसी भी परिस्थिति में भगवान का नाम लेना कितना महत्वपूर्ण है।

प्रहलाद की कथा ने तो सभी का दिल जीत लिया। भक्तिभाव से भरे प्रहलाद ने दुष्ट पिता हिरण्यकश्यप के अत्याचारों के बावजूद अपनी भक्ति को बनाए रखा। इस कथा ने यह सिखाया कि सच्ची भक्ति हर कठिनाई का सामना कर सकती है।

इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने कथा से जुड़ी भक्ति गीतों का भी आनंद लिया, सभी श्रद्धालुओं में एक नए उत्साह और श्रद्धा देखने को मिल रहा ठंडी मौसम होने के बावजूद भी श्रद्धालु एकासन में अंत तक बैठकर कथा श्रवन करते हैं l
उक्त आयोजन विजय राठौर-श्रीमती हेमलता राठौर परिवार के द्वारा किया गया है जो 20 दिसंबर से 28 दिसंबर तक होने वाली है

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