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हाथी से ग्रामीण किसानों की जीना दुश्वार, विभाग बना मूकदर्शक!…. क्षेत्र में जनहानि हुई तो, अंजाम भुगतने को रहें तैयार… पुरूंगा कोल ब्लॉक वापस भेजे सरकार – महेन्द्र सिदार

(कीदा) छत्तीसगढ़, रायगढ़, धरमजयगढ़, छाल

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हाथी से ग्रामीण किसानों की जीना दुश्वार, विभाग बना मूकदर्शक!…. क्षेत्र में जनहानि हुई तो, अंजाम भुगतने को रहें तैयार… पुरूंगा कोल ब्लॉक वापस भेजे सरकार – महेन्द्र सिदार

हाथी से जनहानि, अब समाज कदापि मंजूर नहीं करेगा… शासन प्रशासन होश में आओ….

 

जय जोहार इंडिया TV न्यूज रायगढ़/धरमजयगढ़, छत्तीसगढ़ प्रदेश में अब लगातार हाथी की संख्याओं बढ़ती जा रही है, ठीक उसी क्रम में रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमण्डल में भी संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है।
जिससे आय दिन जनहानि की संख्या बढ़ती जा रही है। जिससे आज कई परिवार को दुःख की सामना करना पड़ रहा है। वही देखा जाए तो किसानों की भी लगातार आर्थिक क्षति हो रही है। जिससे किसानों की जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

महेन्द्र सिदार ब्लॉक अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज (धरमजयगढ़) के नेतृत्व में जल जंगल बचाओ कोल खदान भगाओ मुहिम में छाल तहसील एवं वन विभाग की घेराव पिछले 11 नवंबर 2024 को हो चुका है। जिसमें हजारों की संख्या में ग्रामीण कटाईपाली सी, एडुकला, लोटन, चीतापाली, बोजिया, बांधापाली, एडु, सिंघीझाप, देयूरमाल, लमीखार, डोंगाभोना, पुसल्दा, बरभोना, बनहर, गलीमार, खर्रा, कीदा, बाँसाझार, कुड़ेकेला, तरेकेला, बेहरमार, हाटी, पुरूंगा, सम्हारसिंघा, जामपाली, गेरवानी, कोकदार, तेंदुमुडी, सिथरा एवं कई गांव के ग्रामीण मौजूद रहे थे। आदिवासी समाज की प्रमुख मांग है, जनहानि हुई तो 50 लाख और आश्रित परिवार को एक शासकीय नौकरी, सरकार के तय दर के बराबर फसल मुआवजा राशि और पुरूंगा कोल ब्लॉक को वापस भेजने के लिए आदिवासी समाज ने कमर कस ली है।
फिर भी शासन प्रशासन से अभी तक कोई पहल नहीं किया गया है। जिसको लेकर आदिवासी अध्यक्ष महेन्द्र सिदार ने शोशल मीडिया से संदेश दिया है कि अगर क्षेत्र में जनहानि होगी तो अंजाम भुगतने को तैयार रहे।
क्योंकि किसी की परिवार ऐसे ही नहीं बना है कि कभी भी उसकी जनहानि हो जाय। सरकार हमारी रक्षा करें। अगर जल्द सरकार कोई कमेटी नहीं बनाई तो हम डीएफओ धरमजयगढ़ की घेराव करेंगे जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन की होंगी।
जय जवान जय किसान जय संविधान

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