मुख्य समाचार

क्षेत्र में झोला छाप डॉक्टरों की हौसले बुलंद…जल्द की जाएगी खुलासा…

जय जोहार इंडिया TV

जय जोहार इंडिया TV न्यूज नेटवर्क सबसे तेज न्यूज चैनल

इलाज के दौरान मरीज की जान चली गई, तो वही डॉक्टर जादू-टोना का साया बताकर लोगों को करते हैं गुमराह….

रायगढ़ – रायगढ़ जिले के धरमजयगढ ब्लॉक व ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आई हुई है। हर पांच किलोमीटर की दूरी पर एक झोलाछाप डॉक्टर तामझाम के साथ क्लीनिक संचालित कर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे कई मामले पूर्व में सामने आ चुके है।स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों के संरक्षण में झोलाछाप डॉक्टर कुकुरमुत्ते की तरह पनप रहे हैं.

धरमजयगढ विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे झोलाछाप डॉक्टर खुद की क्लीनिक खोल डॉक्टर बनकर गंभीर बीमारियों का इलाज करने लगे है, जबकि इनके पास न तो संबंधित योग्यता है और न ही उपचार संबंधी लाइसेंस है. धरमजयगढ के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत आने वाले अनेक गांव के झोलाछाप डॉक्टर लम्बे समय से सस्ती दवाई दिलाने के नाम पर गरीबों का इलाज कर रहे हैं, कई बार तो मामला गंभीर हो जाता है। जिसमें मरीजों को गंभीर हालत में रायगढ़ के शासकीय एवं निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है। इसके बाद अगर मरीज की जान चली जाती है,तो फिर वही झोलाछाप डॉक्टर अपना मान सम्मान बचाने के लिए किसी के माध्यम से गांव में जाकर टोना टोटका का पाठ पढा़ता है,ताकि गांव के भोले-भाले लोगों के मन में झोलाछाप डॉक्टर का कमाल नहीं, बल्कि भुतप्रेत,टोना टोटका से जान गई है, बताकर अपना सम्मान बचा लेता है।

गांव-गांव में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है।  चाय की गुमटियों जैसी दुकानाें में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। धरमजयगढ क्षेत्र में ऐसे गांव हैं, जहां सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। और वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां पर सुविधाएं हैं, वहां के स्टाफ डाक्टर, नर्स महज नाम मात्र हैं, जो सही ढंग से इलाज नहीं करते, न ही इलाज करना आता है। इसका फायदा सीधे तौर पर झोलाछाप डॉक्टर उठा रहे हैं। बीमार होने पर झोलाछाप डॉक्टरों से ही इलाज कराना पड़ता है। बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण भी करते हैं डॉक्टर झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है। बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से किया जा रहा है। झोलाछाप डॉक्टरों के घरों के भीतर कार्टून में दवाओं का अवैध तरीके से भंडारण रहता है। भांडेर अनुभाग में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई सालों से अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय कर रहे लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। इन दिनों मौसमी बीमारियों का कहर है। झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें मरीजों से भरी पड़ी हैं। गर्मी व तपन बढ़ने के कारण इन दिनो उल्टी, दस्त, बुखार जैसी बीमारियां ज्यादा पनप रही हैं। झोलाछाप इन मर्जों का इलाज ग्लूकोज की बोतलें लगाने से शुरू करते हैं। एक बोतल चढ़ाने के लिए इनकी फीस 100 से 200 रुपए तक होती है। स्वास्थ्य विभाग नहीं करता कार्रवाई झोलाछाप डॉक्टरों की वजह से अब तक कई लोगों की असमय जान चली गई है। लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने स्थाई तौर पर झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं की। ग्रामीण क्षेत्र में एक बार भी प्रशासन की कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं, और प्रशासन दूर से ही इन्हें देख रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार तो कई अधिकारियों से झोला छाप डॉक्टर की मिली भगत भी चलती है,

जल्द नाम सहित खुलासा किया जाएगा।।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button
Don`t copy text!