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आदिवासियों के वोट से दिल्ली पंहुचे नेता नहीं करते छग के हित की बात — नेताम आदिवासी सबके साथ , कोई दल नहीं करता उनके हक की बात —- नागवंशी

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आदिवासियों के वोट से दिल्ली पंहुचे नेता नहीं करते छग के हित की बात — नेताम
आदिवासी सबके साथ , कोई दल नहीं करता उनके हक की बात —- नागवंशी

जय जोहार इंडिया TV न्यूज नेटवर्क:- रायगढ। छग गठन के पहले और पृथक राज्य स्थापित होने के बाद अब तक बीते 23 सालों से प्रदेश के आदिवासी अपने अस्तित्व से जुडे 23 मांगों को लेकर जूझ रहे हैं लेकिन उनकी एक भी मांग अबज्ञतक पूरी नहीं हुई है‌।

आदिवासी समाज ने दोनों दलों पर बारंबार भरोसा जताकर देख लिया लेकिन उनके वोट से सांसद और विधायक बनने वाले नेताओं ने हर बार राजनैतिक पूर्ति के बाद न केवल उन्हें बुलाया बल्कि उनके हक की बात तक सरकार और सत्ता से करने की हिम्मत ना दिखा सके और चुने हुए जनप्रतिनिधि दिल्ली में बंधुआ मजदूर से ज्यादा की अहमियत साबित नहीं कर सके। इसी वजह से सर्व आदिवासी समाज ने एक राष्ट्रीय राजनैतिक दल गठित किया और अपने अस्तित्व की लड़ाई अब चुनाव के जरिये लगने का लक्ष्य तय किया है। उक्त संबोधन पूर्व केन्द्रीय मंत्री एंव प्रखर आदिवासी नेता तथा हमर राज पार्टी के संस्थापक व संयोजक अरविन्द नेताम ने शुक्रवार को शहर में प्रेस वार्ता के दौरान व्यक्त किये।

लोकसभा चुनाव में हमर राज पार्टी के प्रत्याशी अल्बर्ट मिंज के पक्ष में चुनाव प्रचार करने रायगढ पंहुचे अरविन्द नेताम ने कहा कि छग गठन के बाद आदिवासियों की कोई मांग पूरी नहीं हुई। उन्होने कहा कि अंग्रेजों के समान ही आज भी बाहरी लोग छग के आदिवासियों का हक मार रहे।

नेताम ने रायगढ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती मेनका सिंह की उम्मीदवारी को आदिवासी कस्टम ला के विरुद्ध बताया और इस मामले में भी एससी एसटी अंतर्जातीय विवाह उपरांत आरक्षित सीट से चुनाव लडने संबंधी बिहार तथा झारखंड के दो मामलों की भांति सर्वोच्च न्यायालय से स्पष्टीकरण करने की आवश्यकता व्यक्त की। इसी कड़ी में पार्टी के महासचिव विनोद नागवंशी ने कहा कि छग गठन के बाद यहां के आदिवासियों के साथ हर चुनी सरकार ने दमनकारी निती अपनाई है।

आदिवासी समाज का आरक्षण घटाया गया। आए तक छग में ट्रायबल वेलफेयर का दफ्तर नहीं खुले सका है वहां आदिवासी वर्ग अपनी पीडा व शिकायत दर्ज कराई सके। आदिवासियों के नौकरी में भी आरक्षण एंव उनके संवैधानिक हितों का पालन नहीं हो रहा। छग के अलग अलग जिलो से खनिज का मनमाना दोहन हो रहा और इससे मिलने वाले राजस्व से आर्थिक भ्रष्टाचार के नये आराम गणेश था रहे हैं जबकि छग के जल , जंगल और जमीन पर पहला हक आदिवासियों का है।

नागवंशी ने कहा कि सभी दलों ने आदिवासियों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर बाद में उपेक्षित और वंचित रखा है। इसलिए आदिवासियो ने अपनी पार्टी बनाई और हम चुनाव के माध्यम से वैचारिक लडाई शुरु कर चुके हैं। विनोद ने कहा कि उनके दल की कोशिश है कि छग के हितों की बात यहीं हो न कि दिल्ली पर निर्भर रहना पडे़ और बीजेपी और कांग्रेस की तरह लोकहितैषी बचाकर चुनाव जीताऊ योजनाओं का प्रचार करते हुए जनता के पैसे की बर्बादी को रोका था सके। नेताम और नागवंशी ने दोहरा या कि नवगठित राष्ट्रीय दल हमर राज पार्टी छग में भी बीजेपी और कांग्रेस का मजबूत विकल्प बनने की और अग्रसर है। इस प्रेस वार्ता में लोकसभा प्रत्याशी अल्बर्ट मिंज, प्रदेश अध्यक्ष उदय नेताम , बीएस नागेश और विनोद राजगोंड समेत पार्टी के अन्य आदिवासी नेता मौजूद रहे।।

 

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