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दृश्यों को झुठलाती हुई राजनीतिक यूटर्न की दिलचस्प कहानी…..

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बीजेपी का गमछा पहना, प्रत्याशी के साथ किया प्रचार, फिर रातोंरात बदल लिया पाला

दृश्यों को झुठलाती हुई राजनीतिक यूटर्न की दिलचस्प कहानी

कहते हैं कि इश्क और जंग में सब जायज है पर वास्तव में ऐसा नहीं होता है। लेकिन धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र से आई एक दिलचस्प कहानी से ऐसा लगता है कि शायद राजनीति में सब कुछ जायज होता है। हद तो यह है कि खुद का वर्चस्व साबित करने को लेकर जिस तरह की कवायद चल रही है, वह बोलती तस्वीरों पर सवाल खड़े करती नजर आ रही है। धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजनीति से जुड़ा एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें पहले खबर आती है कि कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र के दो दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। इस खबर में बताया गया कि उस क्षेत्र के सरपंच पति व पूर्व सरपंच बीजेपी में शामिल हो गए। खबर के माध्यम से प्रत्याशी के साथ पार्टी का गमछा धारण किए हुए जागृति व अन्य लोगों की तस्वीरें सामने आई। इस खबर के सामने आने के कुछ समय बाद ही उन्हीं दोनों नेताओं में से एक का वीडियो सामने आया है। जिसमें वे खुद के बीजेपी में शामिल होने की खबर का खंडन करते हुए नजर आ रहे हैं। इस तरह क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी के बीच नेताओं के रातोंरात यूटर्न लेने की कहानियों के सामने आने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस मामले में जानकारों का कहना है कि ऐसे यूटर्न लेने के कारणों को समझना मुश्किल नहीं है।तो कथित तौर पर रंग बदलने की यह कहानी कुछ इस तरह है जिसमें क्षेत्र के एक दिग्गज नेता व पूर्व सरपंच जागृति राठिया पहले बीजेपी पार्टी का गमछा पहन कर प्रत्याशी हरिश्चंद्र राठिया के साथ मुस्कुराते हुए फ़ोटो खिंचाते नजर आते हैं। इसके साथ ही बीजेपी प्रत्याशी व अन्य कार्यकर्ताओं के साथ गांव में घूमकर प्रचार प्रसार में शामिल होते भी दिख रहे हैं। उसके बाद जैसे ही राजनीतिक हलकों में यह बात फैलती है, तो मानो जैसे आननफानन में डैमेज कन्ट्रोल की कवायद शुरू हो जाती है या शायद रातोंरात जागृति की अंतरात्मा जागृत हो जाती है। जिसके बाद इस दिग्गज कांग्रेस नेता के द्वारा बीजेपी में खुद के शामिल होने की खबर का खंडन किए जाने का वीडियो सामने आता है। इस वीडियो में जागृति खुद के बीजेपी जॉइन करने की खबरों को अफवाह बता रहे हैं। वीडियो में उनसे सवाल किया जाता है कि ‘क्या आप इस तरह की खबरों का खंडन करते हैं? जिस पर जागृति सहमति देते नज़र आते हैं। तो इस तरह राजनीति में बगावत, मानमनौव्वल व सुविधा के हिसाब से अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने के किस्से आम हैं लेकिन धरमजयगढ़ की राजनीति में यूटर्न लेने की यह जो कहानी सामने आई है वह अपने आप में काफी दिलचस्प है।

इस स्थिति में दृश्यम फिल्म का एक संवाद याद आता है जिसमें मुख्य पात्र ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि ‘शब्दों पर नहीं दृश्य पर ध्यान दो, क्योंकि झूठ शब्दों में जगह ढूंढ ही लेता है, लेकिन दृश्य कभी झूठ नहीं बोलते। सवाल ये नहीं कि आपकी आंखों के सामने क्या है, सवाल ये है कि आप देख क्या रहे हैं’।

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