भ्रष्ट पंचायत सचिव को किसका मिल रहा संरक्षण….शिकायत को महीनों बीतने के बाद भी अब तक क्यों नहीं हुआ कोई कार्यवाही ?
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भ्रष्ट पंचायत सचिव को किसका मिल रहा संरक्षण, शिकायत को महीनों बीतने के बाद भी अब तक क्यों नहीं हुआ कोई कार्यवाही?
रायगढ़ जिला के धरमजयगढ़ जनपत पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत खर्रा के सचिव ओम प्रकाश श्रीवास पर ग्रामीणों ने करीब 1359000 रूपये का भ्रष्टाचार करने की लिखित शिकायत रायगढ़ कलेक्टर से दिनांक 04/07/2023 को किया गया है। जिसमें पंचायत सचिव ओम प्रकाश श्रीवास पर ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि ग्राम के सचिव द्वारा सरकारी रुपयों का आहरण कर कार्यों को अब तक नहीं कराया गया है।
पांच बिंदुओं में दिए गए आवेदन में ग्राम सचिव पर आरोप है की गलत तरीके से रुपयों का आहरण कर सरकारी खजाने को खाली किया गया है। 2. पंचायत में मजदूरों की मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है। 3. गांव में बिजली लगाने का कार्य लंबित है मगर रुपयों का आहरण कर लिया गया है। 4. नाली निर्माण कार्य एवं चबूतरा निर्माण कार्य आधे अधूरे पड़े हुए हैं। 5. आजतक ग्राम पंचायत में कोई ग्राम सभा नहीं हुआ है। इस तरह भ्रष्टाचार के अनेक आरोप पंचायत सचिव पर लगाते हुए ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा रायगढ़ कलेक्टर को आवेदन देकर शिकायत किया गया है। मगर शिकायत को महीनों बीतने के बाद भी अब तक उक्त सचिव पर कोई जांच कार्यवाही नहीं होना सवाल का विषय बना हुआ है।
ग्रामीणों की कहना है की उक्त सचिव पूर्व में भी इस तरह की भ्रष्टाचार करने की बात हम ग्रामीणों के सामने कहता रहता है। जिसमें दुर्गापुर और चुहकीमार पंचायत में भी भ्रष्टाचार को अंजाम देने की बात अपने मुंह से बोलते हुए कहता है की मेरा कोई कुछ नही कर सकता। जिसको जहां शिकायत करना है करो। मैं सिस्टम को अच्छी तरह से जानता हूं। तुम्हारे शिकायत करने से मेरा कुछ नहीं होगा।

अब जिस तरह की बातें पंचायत सचिव ओम प्रकाश श्रीवास द्वारा बोला जाता रहा है। ठीक सिस्टम भी उसी तरह इस सचिव को संरक्षण प्रदान किया हुआ है। तभी तो शिकायत को महीनों बीतने के बाद भी अब तक उक्त पंचायत के साथ साथ किसी भी पंचायत में उसके खिलाफ कोई जांच कार्यवाही नहीं हुआ है। ऐसे में अनेक सवाल खड़ा हो रहें हैं की आखिर इस पंचायत सचिव को किसका संरक्षण प्राप्त है जिसके दम पर यह सचिव सभी पंचायत में भ्रष्टाचार करने ही जाता है? शिकायत को महीनों बीतने पर भी मामले पर प्रशासन ने अब तक कोई जांच कार्यवाही क्यों नहीं किया? अगर जांच कार्यवाही हुई भी तो क्या सामने आया? आखिर ग्रामीणों की शिकायत पर प्रशासन संज्ञान क्यों नहीं ले रहा?

