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वनमण्डल धरमजयगढ़ में अवैध शिकार की पहचान एवम्….विद्युत विभाग से समाजाश्य कर रोकथाम के लिए प्रशिक्षण हुआ संपन्न…उच्च अधिकारी रहे मौजूद

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वनमण्डल धरमजयगढ़ में अवैध शिकार की पहचान एवम्….विद्युत विभाग से समाजाश्य कर रोकथाम के लिए प्रशिक्षण हुआ संपन्न…उच्च अधिकारी रहे मौजूद

 प्रशिक्षण के दौरान यह सिखाया गया की वन्यप्राणियों का शिकार करने के लिये क्या क्या उपकरणों का उपयोग शिकारी द्वारा किया जाता है जैसे_
Snare . फंदा
Foot trap. पैर का फंदा
Electric snare बिजली का फंदा
Mouth bomb विस्फोटक
Shooting हथियार
Bird trap पक्षियो के लिये फंदा
Other trap अन्य प्रकार के छोटे जीवो के लिये उपयोग किये जा रहे फंदे।
प्रशिक्षण में शिकार के पीछे के कारणों को बताया गया की शिकार किन किन कारणों से किया जाता है।

 प्रशिक्षण यह भी बताया गया की किस किस फंदे का उपयोग किन किन वन्यजीवों को मारने के या पकड़ने के लिये किया जाता है।
 प्रशिक्षण में वीडियों एवं चित्र के माध्यम से विभिन्न प्रकार के फंदो की पहचान कराया गया।

 प्रशिक्षण में फोटोग्राफ के माध्यम से टाईगर, स्लॉथ बियर, लेपर्ड, एलिफैंट, वाईल्ड बोर, पेंगोलिन, हनी बैजर इत्यादि वन्यप्राणियों के बॉडी पार्ट को दिखाकर पहचान कराया गया की वन्यप्राणियों के इन शारीरिक अंगों के कारण इनका अवैध शिकार किया जाता है।
वन्यप्राणियो के शारीरिक अंगों के उपयोग को लेकर फैले अंधविश्वास के विषय में अवेयर किया गया।
 प्रशिक्षण में Anti share walk करने की पद्धति के विषय में बताया गया।
 प्रशिक्षण में सुरक्षित Anti Share walk करने के तरीकों एवं विधाओं से परिचित कराया गया।
 प्रशिक्षण में वॉक करने के दौरान अपनायी जाने वाली सावधानियों को बताया गया।
 प्रशिक्षण में वॉक कहाँ करें जैसे जंगल में, रास्तों में, एवं पगडंडी पर, जंगल के किनारे पर, तालाब के किनारे पर एवं नदी तट पर। ऐसे क्षेत्रों के विषय में बताया गया जहाँ शिकार की अत्यधिक संभावना होती है।

डाटा कलेक्शन के समय किन किन बातों का ध्यान रखना है यह भी बताया गया।
 इन्डोर प्रशिक्षण के पश्चात द्वितीय सत्र में फील्ड में प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ।
फिल्ड में किस प्रकार फंदा लगाया जाता है इसे दिखाया गया। 
जंगल मे चिड़िया का फंदा लगाकर शिकार के प्रयास के प्रमाण देखने को मिला।
 फील्ड प्रशिक्षण के दौरान कृषकों के द्वारा लगायें गयें वायर देखने को मिला जिसे समझाईस दिया गया।
 प्रशिक्षण में विद्युत विभाग के अधिकारी, हाथी मित्र दल के सदस्य एवं ट्रेकर्स भी सम्मिलित हुये। 
बिजली विभाग के साथ कैसे सामंजस्य बना के अवैध शिकार को रोका जा सकता है इसके बारे मे विशेष रूप से चर्चा किया गया।

वनमण्डल धर्मजयगढ़ के वन विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे और विभागीय अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की ताकि क्षेत्र में होने वाली अवैध शिकार पर अंकुश लगाया जा सके।।

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