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कल अंबिकापुर से सीतापुर तक, लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ‘लोकतंत्र बचाओ न्याय यात्रा’ संदीप लकड़ा को न्याय दिलाने हेतु, आदिवासी समाज मैदान में

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कल अंबिकापुर से सीतापुर तक, लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए लोकतंत्र बचाओ न्याय यात्रा

संदीप लकड़ा को न्याय दिलाने हेतु, आदिवासी समाज मैदान में

 

छत्तीसगढ़ के सीतापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम उलकिया से 7 जून को लापता राजमिस्त्री की हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप सीतापुर के ही ठेकेदार अभिषेक पांडेय पर लगा है। हत्या को पूरी तरह से फिल्म दृष्यम के जैसे अंजाम दिया गया है। इस मामले को लेकर 21 जुलाई की रात राजमिस्त्री की पत्नी ने सर्व आदिवासी समाज के साथ मिलकर थाने का घेराव भी किया था। इसके बाद सीतापुर पुलिस ने ठेकेदार व उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी।
अपराध दर्ज करने के डेढ़ महीने बाद पुलिस ने हत्या के 3 संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में लिया है।
आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस मैनपाट के लुरैना में राजमिस्त्री संदीप लकड़ा की लाश बरामद करने 2 जेसीबी लगाकर जमीन की खुदाई कराई, घण्टो खुदाई के बाद उसकी लाश बरामद की गई। मौके पर पुलिस के आला अधिकारी समेत सैकड़ो पुलिसकर्मी तैनात रहे। इधर पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपियों ने मृतक का मोबाइल मुम्बई में छोड़ दिया था। ताकि पुलिस की छानबीन में मृतक का मोबाइल लोकेशन मुंबई बताये। बताया जा रहा है कि ठेकेदार अभिषेक पांडेय ने हत्या के बाद उसका शव दफन कर दिया था, फिर उसके ऊपर पानी टंकी का निर्माण करा दिया था।
गौरतलब है कि सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम बेलजोरा निवासी संदीप लकड़ा 7 जून 2024 से लापता था। 8 जून को ठेकेदार अभिषेक पांडेय ने थाने में संदीप व विकास नामक युवक पर छड़ चोरी का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने विकास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं संदीप की तलाश कर रही थी। जबकि पत्नी सलीमा लकड़ा ने आरोप लगाया था कि ठेकेदार ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसके पति की हत्या कर लाश को ठिकाने लगा दिया है। वही 21 जुलाई की रात राजमिस्त्री की पत्नी ने छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों व ग्रामीणों के साथ मिलकर थाने का घेराव किया था। वही इस मामले में पुलिस ने 3 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया तो 3 महीने बाद राजमिस्त्री की हत्या की पुष्टि हुई। संदेहियों की निशानदेही पर पुलिस शुक्रवार की सुबह करीब 8 बजे मैनपाट के ग्राम लुरैना पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद राजमिस्त्री का शव बरामद किया है। आरोपियों ने ग्राम लुरैना में ग्रामीणों को पेयजल की सप्लाई करने के लिए लगाई गई पानी टंकी के नीचे राजमिस्त्री की लाश दफन कर ठिकाने लगा दिया था। वही पुलिस ने जेसीबी से गड्ढा खोदकर शव बरामद कर लिया है।

यह मामला अब पूरे प्रदेश भर में पुलिस कार्यवाही को लेकर अक्रोस है,

सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश सचिव विनोद नागवंशी ने जारी किया पत्र,

अंबिकापुर, सीतापुर थाना अंतर्गत आदिवासी समाज के राजमिस्त्री संदीप लकड़ा की निर्मम हत्या और षड्यंत्र सहित जिला बलरामपुर, जशपुर, बस्तर में आदिवासियों की हत्या, प्रताड़ना के लिए अंबिकापुर से सीतापुर लोकंत्रत बचाओ न्याय यात्रा करेंगे।
छत्तीसगढ प्रदेश में आदिवासियों के ऊपर लगातार, अत्याचार, हत्या और एट्रोसिटी के मामले बढ़ते जा रही है पुलिस एवं प्रशासन की निष्ठुरता और अनदेखा के चलते सीतापुर में ठेकेदार अपनी दहशत फैलाने के लिए राजमिस्त्री संदीप लकड़ा की निर्मम हत्या (हाथ बांध के आंखें फोड़, हाथ तोड़, पसली तोड़ कर तड़पा के मारा) कर उसकी मृत शरीर को टंकी में डालकर कंक्रीट ढलाई कर देना, गवाह और पीड़ित परिवार को धमकाना,
मोबाइल का लोकेशन मुंबई में दिखा कर उसके साला को फसाना, मारने के बाद चोरी का आरोप लगाकर FIR करवाना, पुलिस के द्वारा महीनो भर तक पीड़ित का FIR ना लिखना, जांच में आरोपी को बचाने का प्रयास। समाज के जांच और दबाव के बाद संदीप की मृत शरीर मिलने के बाद भी आरोपी पकड़ा नहीं गया, पद का दुरूपयोग कर पीड़ित परिवार को गुमराह करने वाले थानेदार, अनुभागीय अधिकारी पुलिस अभी भी पदस्थ है और पीड़िता पर दबाव बना रहे है उनको बर्खास्त किया जाना चाहिए। आरोपी के ऊपर पहले से भी प्रताड़ना के बहुत आरोप है उनकी संपदा कुर्की किया जाय। एवं आरोपी को संरक्षण और बचाने वाले अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का नाम उजागर कर कार्यवाही किया जाने हेतु पीड़िता और आदिवासी समाज सीतापुर में लगातार धरना बैठे है।
पर शासन प्रशासन से संतोषप्रद कार्यवाही नही किया गया। आदिवासी मुख्यमंत्री होने बाद भी पुलिस और जनप्रतिनिधि का दुर्भावनापूर्वक व्यवहार से सर्व आदिवासी समाज क्षुब्ध है। लोकतांत्रिक देश,पांचवी अनुसूची क्षेत्र और आदिवासियो के संविधान में विशेष अधिकार होने के बाद भी न्याय और राहत न मिलना अराजकता का संकेत है। जिला बलरामपुर, जशपुर, राजनांदगांव, बस्तर, कवर्धा सहित पूरे प्रदेश में अपराधिक घटना और पुलिस निष्क्रियता के विरुद्ध और अपने अधिकार की रक्षा
लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ‘लोकतंत्र बचाओ न्याय यात्रा’ दिनांक 25 सितंबर, 2024 को
अंबिकापुर से सीतापुर तक किया जायेगा। जिसमें समस्त प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष अपने कार्यकारणी के साथ, महिला एवम् युवा प्रभाग अध्यक्ष अपने कार्यकारणी के साथ 11:30 बजे में अंबिकापुर अपनी उपस्थिति अवश्य प्रदान करे। अतएव आप सभी से आग्रह 12 बजे 25 सितंबर,
2024 अंबिकापुर से सीतापुर लोकतंत्र बचाओ न्याय यात्रा में आप सभी आवश्यक रूप से शामिल होने के लिए निर्देश दिया गया है।।

 

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