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किसानों की रबी फसल कटाई और तेंदूपत्ता से आजीविका, ग्रामीण घर से बाहर निकलने को मजबूर, क्षेत्र में हाथियों की दबदबा

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किसानों की रबी फसल कटाई और तेंदूपत्ता से आजीविका, ग्रामीण घर से बाहर निकलने को मजबूर, क्षेत्र में हाथियों की दबदबा

 

 

जय जोहार इंडिया TV न्यूज नेटवर्क:- छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन विभाग में चारों रेंज से छाल रेंज में हाथी का विचरण अधिक है यहां हाटी सर्किल की बेहरामार 572 रिजर्व फारेस्ट में सबसे अधिक 16 हाटी विचरण कर रहे है पिछले एक साल से छाल रेंज हाथी के लिए उपयुक्त जंगल हो चूका है यहाँ एक पकवाड़े में हाथी की हमले से दो ग्रामीण की मौत हो चुकि है लेकिन फारेस्ट विभाग इसको रोकने के उपाय में कारगर साबित नहीं हो रहे है विभाग द्वारा बताया जा रहा है कि ग्रामीण एवं जंगली जानवर दोनों की सुरक्षा के लिए गांव में मुनादी, बैठक लेकर जानकारी एवं सोशल मिडिया से सचेत ड्रोन से लोकेशन की जानकारी से लोगो सावधान इस सब उपाय करने के बाद भी कोई असर नहीं हो रहा है, देखा जाय तो आये दिन हाथी या ग्रामीण की मौत की घटना सामने आती रहती है।

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसी इंसान की मौत होती है तो 6 लाख रुपए की मुआवजा राशि देने का प्रावधान है।

धरमजयगढ़ डिविजन में आज की रिपोर्ट के अनुसार 71 हाथी अलग अलग ग्रुप में विचरण कर रहे है जिसमे छाल रेंज में सबसे ज्यादा 32 हाथी अलग अलग झुण्ड में है अभी किसानो की रवि फ़सल पकने लगे है जिसको काटने का समय हो गया गर्मी के कारण किसान बड़े सबेरे ही खेत से फ़सल काटने के लिए निकलते है गर्मी अधिक होने के कारण धुप लगने से पहले फ़सल काट कर ले आने की सोच रखते है। साथ ही तेन्दु पत्ता संग्रहण का काम चल रहा जिससे ग्रामीण सुबह से ही जंगल पहाड़ की ओर तेन्दुपत्ता तोड़ने का काम करते है लेकिन हाथी के डर से ग्रामीणों को घर से निकलना कठिन हो गया है।और कोई घर से निकल जाय तो हाथी के हवाले होने जैसे है। क्षेत्र की ग्रामीणों डर से भरा जीवन जी रहे है।

हाथी जंगल से ग्रामीण आबादी क्षेत्र में आने लगे है सड़क किनारे विचरण करते है कई बार सड़क पार हाथी को देख जाता है, कई मुसाफिर डर जाते है रायगढ़ से धरमजयगढ़, बोजिया से आमापाली, छाल से घरघोड़ा, हाटी से धरमजयगढ़ इन सड़को में हाथी कभी भी सड़क मार्ग पर इधर से उधर पार करते है जिससे राहगीर पर डर की माहौल बना रहता है, कुछ दिन पूर्व सड़क किनारे दो हाथी कि मस्ती कैमरे में कैद हुए जो सोशल मिडिया खूब वाइरल हुआ था, कई बार सड़क पर सीधा चलते हुए भी दिखाई देते हैं, छाल रेंज अंतर्गत कीदा गांव में सड़क किनारे पानी भरा डेम तालाब है जिसमें कभी भी अचानक से हाथी को पानी पीते या नहाते देखा जाता है।

गर्मी को मौसम में हाथी पानी कि तलाश में घूमते रहते है जंगल में पानी की कमी के कारण प्यास बुझाने गांव की तरफ अपना कदम बढ़ाया करते है और अब तो जंगल में भी पेड़ पौधे कटने लगे है जिससे जंगली जानवर एवं हाथीयो को उनके रहने एवं खाने में कमी के कारण इधर उधर भटकते है।।

श्री बाल गोविन्द साहू SDO धरमजयगढ़

सब डिविजन धरमजयगढ़ :- हाथी विचरण क्षेत्र एवं मूमेंट पर ग्रामीणों को सचेत कर रहे है हमारे फारेस्ट गार्ड हाथी की लोकेशन सोशल मिडिया के माध्यम से तुरंत अलर्ट करते है फिर भी ग्रामीण जंगल की तरफ निकल जाते है बड़े बुजुर्ग सुबह खेत के लिए निकलते है विभाग द्वारा हाथी को जंगल में रोकने उपाय करते है हाथी ज्यादातर महुआ की खुशबु से आकर्षित होते है और कटहल खाने में अधिक रूचि लेते है हम गांव में मुनादी कराते रहते है।।

(फाइल फोटो अपलोड)

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