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वैदिक पंचांग ,दिनांक – 16 जून 2024, दिन – रविवार, विक्रम संवत – 2081

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वैदिक पंचांग ,दिनांक – 16 जून 2024, दिन – रविवार, विक्रम संवत – 2081

🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️

🌤️ *दिनांक – 16 जून 2024*

🌤️ *दिन – रविवार*

🌤️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*

🌤️ *शक संवत – 1946*

🌤️ *अयन – उत्तरायण*

🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ऋतु*

🌤️ *मास – ज्येष्ठ*

🌤️ *पक्ष – शुक्ल*

🌤️ *तिथि – दशमी 17 जून प्रातः 04:43 तक तत्पश्चात एकादशी*

🌤️ *नक्षत्र – हस्त सुबह 11:13 तक तत्पश्चात चित्रा*

🌤️ *योग – वरीयान रात्रि 09:03 तक तत्पश्चात परिघ*

🌤️ *राहुकाल – शाम 05:41 से शाम 07:22 तक*

🌞 *सूर्योदय – 05:58*

🌤️ *सूर्यास्त – 19:20*

👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*

🚩 *व्रत पर्व विवरण – श्री गंगा दशहरा समाप्त*

💥 *विशेष – रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*

          🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️

👉🏻 *निर्जला एकादशी पर इतना करने से बीती हुई सौ पीढ़ियां और आने वाली सौ पीढ़ियों का होगा उद्धार*🔻

🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷

➡️ *17 जून प्रात: 04:43 से 18 जून सुबह 06:24 तक एकादशी है।*

💥 *विशेष – 18 जून, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।*

🙏🏻 *एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*

🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*

🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*

🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*

🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*

          🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️

🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷

🙏🏻 *एकादशी को दिया जला के विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें… विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*

🙏🏻 *Sureshanandji Haridwar 11.02.2010*

         🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️

🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷

🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है…ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा*

🙏🏻 *- पूज्य बापूजी मुंबई 1/1/2012*

 📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ अंजनी बहेन निलेश ठक्कर*

📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*

          🕉️ *~ वैदिक पंचाग ~* 🕉️

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