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पंचायत में निर्माण के नाम पर खुलकर चल रहा भ्रष्टाचार का खेल निर्माण कार्य अधूर लेकिन स्वीकृत राशि पूरा आहरण  क्या भ्रष्टाचार करने वाले सरपंच-सचिव पर जनपद सीईओ करेंगे कार्यवाही ?

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ढाप पंचायत में निर्माण के नाम पर खुलकर चल रहा भ्रष्टाचार का खेल

निर्माण कार्य अधूर लेकिन स्वीकृत राशि पूरा आहरण

 क्या भ्रष्टाचार करने वाले सरपंच-सचिव पर जनपद सीईओ करेंगे कार्यवाही ?

आलोक स्वर्णकार, शशि सिदार, की रिपोर्ट

जय जोहार इंडिया TV रायगढ़ जिला के लैलूंगा जनपत पंचायत में, शासन द्वारा जारी किया गया राशि का दुरूपयोग कैसे करना है ये अगर जानना है तो लैलूंगा जनपद पंचायत के ढाप पंचायत में देखे। इस पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने ग्राम पंचायत को मिलने वाली मुलभूत सुविधा की राशि से अपना विकास कर रहे हैं?
सुनने में आपको थोड़ा अजीब सा लग रहा होगा। लेकिन हकीकत में ऐसा ही है इन पंचायत में, सरकार स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए हर घर शौचालय का निर्माण कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की जिम्मा ग्राम पंचायत को दिया था ताकि हर घर शौचालय का निर्माण हो सके और कोई भी खुले में शौच करने ना जाये।
ढाप ग्राम पंचायत में सरपंच-सचिव द्वारा बनाये गये शौचालय को देख कर ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस स्तर का बना है और क्या लोग इस शौचालय का उपयोग कर सकते हैं? सरपंच-सचिव द्वारा भ्रष्टाचार की सीमा तब पार कर दिया जब ढाप गांव में सर्वजानिक शौचालय का निर्माण के लिए शासन द्वारा राशि जारी किया गया और सरपंच-सचिव द्वारा शौचालय का निर्माण पूरा नहीं किया और अधूरा ही छोड़ दिया। शौचालय में सीट तक नहीं लगाया लेकिन सरपंच-सचिव द्वारा अधूरा निर्माण शौचालय का मरम्मत करने के नाम पर फिर से 39 हजार 6 सौ रूपये निकाल लिए। आप चित्र में देख सकते हैं कि शौचालय का क्या स्थिति है।

स्कूल मरम्मत के नाम पर भी घोटाला

 

शासन द्वारा समय-समय पर स्कूल भवन की मरम्मत का कार्य ग्राम पंचायत के माध्यम से करवाया जाता है ताकि स्कूली बच्चों को पढ़ाई के लिए कोई परेशानी न हो, लेकिन इस पंचायत के सरपंच-सचिव ने शिक्षा के मंदिर को भी नहीं छोड़ा यहां भी बिना मरम्मत कार्य करवाये लगभग 50 हजार रूपये निकाल लिए किसी चाहत अग्रवाल के नाम पर, मजेदार बात है कि जब कोई भी मरम्मत या फिर निर्माण होगा तो उसके लिए मिस्त्री, मजदूर की जरूरत होती है लेकिन इस पंचायत में ऐसा नहीं है यहां मरम्मत करने के लिए किसी मिस्त्री, लेबर की जरूरत नहीं पड़ती है यहां सिर्फ एक जीएसटी नंबर वाला फर्म की जरूरत पड़ती है, जिसके नाम पर शासकीय राशि अतरंण कर सकें। ऐसा ही इस पंचायत में हो रहा है। स्कूल मरम्मत के संबंध में स्कूल में पदस्थ शिक्षक से पूछने पर बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा मरम्मत कार्य नहीं करवाया गया है।

आंगनबाड़ी में सिर्फ फोटो खिचाने के लिए लगाये थे पानी टंकी

 

छोटे-छोटे नन्हें-मुन्नें बच्चों को मिलने वाली सुविधा में भी डाका डाल रहे है ढाप पंचायत के सरपंच-सचिव, शासन द्वारा हर आंगनबाड़ी में पानी की सुविधा के लिए राशि आवंटन किया था लेकिन ढाप पंचायत के आंगनबाड़ी में सरपंच-सचिव द्वारा शासकीय राशि की बंदरबांट करने के लिए आंगनबाड़ी भवन में पानी टंकी लगा कर फोटो वीडियो बनाकर फिर से पानी टंकी को खोलकर ले जाने का मामला भी समाने आया है,
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि सरपंच-सचिव द्वारा आंगनबाड़ी भवन में पीने के लिए पानी व्यवस्था तो किया था लेकिन कुछ ही दिनों के लिए, उसके बाद सरपंच खुद आकर पानी टांकी को खोलकर ले गया है। अब हम लोग बच्चों के लिए हैण्ड पम्प से पानी लाकर पीलाते हैं। अब आप खुद सोचिए की सरपंच-सचिव किस कदर भ्रष्टाचार कर रहे हैं जो अपने ही गांव के छोटे-छोटे बच्चों को मिलने वाली सुविधा पर भी ढांका डाल रहे हैं।।

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