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खेड़आमा में पांच दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन, हजारों भत्तों की संख्या में भाग लिए क्षेत्र वासियों
(कीदा) छत्तीसगढ़, रायगढ़, लैलूंगा,
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खेड़आमा में पांच दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन, हजारों भत्तों की संख्या में भाग लिए क्षेत्र वासियों
शशि सिदार कि खास लेख
जय जोहर इंडिया टीवी न्युज/लैलूंगा:लैलूंगा के समीप ग्राम पंचायत खेडआमा में चल रहे पांच दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का मंगलवार को समापन हुआ। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, पंडित खोगेश चंद्र महाराज(सोनू )के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत पांच दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के पांचवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। और सभी श्रद्धालु भक्त झूम झूम के आनंदित कर नृत्य करते नजर आए ,पंडित जी ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है।
समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। लोगों ने आधे रात तक इस संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया। जय जय श्री राधे की स्वर कोकिला की आवाज में गूंजता रहा खेडआमा की पावन भूमि,इस पांच दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। पांच दिनों तक इस कथा में पुरा वातावरण भक्तिमय रहा। प्रवचन के बाद कमेटी के द्वारा उपस्थित भक्तों के लिए भोजन एवम प्रसाद का भंडारा रखा था, अंत में महाराज पंडित खोगेश चन्द ने अपनी मुखारवृंद से सभी श्रद्धालु भत्तों से उनके जुदाई लेते हुए गीत के माध्यम से अपनी आखों में आसूं बहाकर कार्यक्रम को समापन किए ।।