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अमर बलिदानी: बख्तर साय-नवागढ़, रायडीह, गुमला, झारखंड, मुंडल सिंह – पहाड़ पनरी, गुमला, झारखंड की रौतिया खंगार जनजाति
कीदा, छत्तीसगढ़, बिलासपुर

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#JanJatiyaNayak अमर बलिदानी: बख्तर साय-नवागढ़, रायडीह, गुमला, झारखंड, मुंडल सिंह – पहाड़ पनरी, गुमला, झारखंड की रौतिया खंगार जनजाति
जय जोहार इंडिया TV न्यूज बख्तर साय और मुंडल सिंह देश की स्वाधीनता के लिए मर-मिटने वाले ऐसे योद्धा हैं, जिन्हें आज के इतिहास ने भुला दिया है। बख्तर साय झारखंड के गुमला जिले में नवागढ़ में वासुदेव कोना के जागीरदार थे। अंग्रेजों की लूट के विरोध में उन्होंने क्रांति का उद्घोष किया। अंग्रेजों के कहने पर तत्कालीन रातू महाराजा ने अपने दरबारी को उनसे कर वसूलने भेजा । बख्तर साय ने उसका वध कर दिया। रामगढ़ से अंग्रेजों ने बड़ी सेना भेजी। बख्तर साय के साथ मंडल सिंह भी आ गए, जो कि उस समय पहाड़ पनरी नामक क्षेत्र के परगनैत थे।
दोनों ने मिल कर स्थानीय जनजाति युवकों तथा किसानों की सेना तैयार की। अंग्रेजों को अनेक बार पराजित किया। फिर हजारीबाग से और बड़ी सेना भेजी गई। उन्होंने जनजाति क्रांतिकारियों को पराजित कर दिया । बख्तर साय और मंडल सिंह पकड़े गए। उन्हें अंडमान भेज दिया गया और वहाँ फाँसी दे दी गई।
अमर बलिदानी बख्तर साय – मुंडल सिंह को शत शत नमन!
@~Subhash

