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स्वार्थ निति नहीं अपितु लोक निति से करे नगर पंचायत का विकास पूर्व पार्षद डॉ अख्तरी खुर्शीद खान
(कीदा) छत्तीसगढ़, रायगढ़, धरमजयगढ़
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स्वार्थ निति नहीं अपितु लोक निति से करे नगर पंचायत का विकास पूर्व पार्षद डॉ अख्तरी खुर्शीद खान
जय जोहार इंडिया TV न्यूज धरमजयगढ़ :- नगर पंचायत वार्ड क्र 5 सिविल लाइन की पूर्व पार्षद डॉ अख्तरी खुर्शीद खान ने कहा की प्रतिनिधयों को स्वार्थ निति से उठ कर लोक निति की मंशा के साथ नगर के विकास का प्रयास करना चाहिए दैन दिन्य की ज़िन्दगी में हमारा सफाई , पानी, बिजली , सड़क , नाली , आवारा पशु आदि से पाला पड़ता है …. 72 साल की व्यवस्था की दुर्दशा से छुटकारा पाने मंशा के साथ मत दी धरमजयगढ़ की जनता को अपने बहुमूल्य वोट के व्यर्थ होने का एहसास भी हो चुका है
… रोज़ रोज़ की ज़िन्दगी में अब राजनैतिक पार्टियों की कोई जगह नहीं दीख रही है ….
अब चाहिए जनता के द्वारा चुना गया , जनता के लिए चुना गया और जनता के प्रति उत्तरदायी / जवाबदेह एक कर्मठ सेवा भावी पार्षद चाहे वह किसी भी राजनीतिक पार्टी अथवा निर्दली हो और जो अपने वार्ड वासियों के लिए सदैव उपलब्ध हो …
सो अब समीक्षा करते हैं अपनी अपेक्षाओं की …
1. पार्षद स्थानीय वार्ड का ही हो जिस से वो हमें दिन हो या रात सदैव उपलब्ध रहे … हम अपनी सहूलियत से उस के पास अपना काम ले कर जा सकें नाकि उस की सहूलियत से हम अपने कामों को रोके रखें … आखिर उन्हीं कामों के लिए तो हम ने उसे अपना बहुमूल्य वोट दे कर चुना है…
2. पार्षद पढ़ा लिखा होना चाहिए …. कम से कम ग्रेजुएट …. एक पढ़ा लिखा सुलझा हुआ बन्दा ही दांव पेंच से परे, समस्याओं को समझ कर ,उन्हें सुलझाने का प्रयत्न कर सकता है …
3. पार्षद किसी भी राजनैतिक पार्टी से सम्बद्ध क्यों ना रखता हो उसे वार्ड की पार्टी से ज्यादा चिंता रखनी होगी जनता ऐसे पार्षद चाहती है जो मतदाताओं से सदा जुड़ा रहे … आज तक हम ने यह ही देखा है कि पार्टी से जुड़े हुए हमारे प्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद हमारी कम और पार्टी की ज़यादा चिंता करते हैं …. वे पार्टी की नीतियों से बंधे होते हैं … हमें अब ऐसे पार्षद चाहियें जो अपने मतदाता , यानि , हम से जुड़े हों … जिन्हें पार्टी लाइन की नहीं अपने मतदाताओं की इच्छा की चिंता हो … जो अपने मतदाता और अपने चुनाव क्षेत्र की समस्याओं के लिये लड़ें और उन्हें सुलझाएं …. ऐसा ना हो कि क्षेत्र में अतिक्रमण हो और अतिक्रमण करने वाला किसी नेता का परिचित हो और पार्षद महोदय अपने मतदाताओं और अपने कर्तव्य को भूलकर अतिक्रमी की मिज़ाज़ पुरसी में लीन हो जाएँ …. इस लिए पार्षद सिवाय हमारे किसी भी राजनैतिक दल या क्लब का सदस्य नहीं वरन हमारे वार्ड का सदस्य हो … …
4. पार्षद का अपने वार्ड में एक ऑफिस होना चाहिए जिस में वो अथवा कोई भी सक्षम व्यक्ति , कम से कम , सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक उपलब्ध रहे …. तथा वार्ड के हर बूथ स्तर पर कम से कम एक ऐसा सक्षम व्यक्ति नियुक्त हो जिस से कोई भी मतदाता जो वार्ड ऑफिस तक नहीं जा सके , वो अपनी समस्या से उस सक्षम व्यक्ति को अवगत करवा सके …. साथ ही हमारा पार्षद अपने वार्ड का एक हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध करवाये जिस पर फोन कर के नागरिक अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत करवा सकें …… दूसरे शब्दों में हमारा चुना हुआ पार्षद अपने मतदाता के लिए उपलब्ध रहे और उन की समस्याओं के निराकरण हेतु निरंतर प्रयासरत रहे ….
5. हमें अपने पार्षद से ये अपेक्षा है कि वह हमारे नगर पंचायत के काम अपने वार्ड ऑफिस से ही करवा दे जिस से स्थानीय नागरिक को नगर पंचायत के चक्कर ना लगाने पड़ें … आज आम नागरिक अपने पार्षदों को चुनने के बाद भी जन्म मृत्यु पंजीकरण , नक़्शे पास करवाने हेतु , अतिक्रमण की शिकायत हेतु , आवारा पशुओं को पकड़वाने हेतु , bpl कार्ड या राशन कार्ड बनवाने हेतु और किसी भी प्रकार की नगर पंचायत द्वारा दी जा रही पेंशन या सहायता हेतु नगर पंचायत के चक्कर काटता रहता है … आम मतदाता पार्षद को कार्य सम्पादन हेतु चुनता है , फिर वो चक्कर क्यों लगाए ?? इस लिए अब हमें पार्षद से ये अपेक्षा रहेगी कि वह अपने वार्ड कार्यालय के मार्फत हमारे कार्य करवाये ….
6. हमारे टैक्स के पैसों से सरकार हमारे लिए विभिन्न योजनाएं चलाती है … हमारी अपने पार्षद से ये अपेक्षा रहेगी कि वह नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाली सभी योजनाओं की जानकारी रखे और मौहल्ला सभाओं के या बूथ सभाओं के माध्यम से अपने मतदाताओं को ये जानकारी दे व उसका लाभ भी दिलवाये ….
7. पार्षद हर माह एक वार्ड सभा के माध्यम से अपने मतदाताओं के रूबरू हो और उन से संवाद कायम करे … यदि कार्यसम्पादन में उसे कोई कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है तो वह खुल कर वार्ड सभा के माध्यम से इस का अपने मतदाताओं से ज़िक्र करे जिस से सब मिल कर उस समस्या का समाधान निकाल सकें …… हम दो तरफ़ा संवाद इसी लिए चाहते हैं ताकि किसी भी प्रकार का कम्युनिकेशन गैप ना रहे और हम अपने पार्षद की समस्या भी समझ सकें …. और यह तभी हो पायेगा जब पार्षद पारदर्शी तरीके से हम से निरंतर संवाद में रहे ….
8. पार्षद अपने वार्ड के सफाई कर्मियों की लिस्ट अपने ऑफिस के बाहर चस्पा करे और कौन सा सफाई कर्मी किस जगह सफाई कर रहा है ये रोज़ सुबह शाम ऑफिस के बाहर सूचना पट्ट पर अंकित हो …. साथ ही सफाई कर्मियों की उपस्थिति सार्वजनिक रूप से अंकित हो … जिस से उपस्थिति के अनुसार ही ,जनता के टैक्स के पैसे से जो सफाईकर्मियों को भुगतान होता है, उस की पारदर्शिता बनी रहे …..
9. पार्षद अपने स्वीकृत पार्षद कोष को वार्ड सभा के माध्यम से , अपने मतदाताओं की इच्छा अनुरूप खर्च करे …. इस के लिए सर्वप्रथम नियमित बूथ सभाओं के माध्यम से हर बूथ की समस्या और ज़रुरत की जानकारी जुटाई जाए …. हर समस्या और ज़रुरत की प्राथमिकता सेट की जाए और उन की अनुमानित लागत पता लगाईं जाए …. फिर वार्ड सभा के माध्यम से प्राथमिकता और ज़रुरत के हिसाब से कौन सा कार्य पहले करवाया जाना चाहिए इस को चिन्हित कर लिस्ट बनायी जानी चाहिए और इस लिस्ट को वार्ड सभा से अनुमोदन करवाने के बाद ही उन कार्यों को करवाने की पार्षद द्वारा अनुशंसा की जानी चाहिए और फिर इसी के अनुसार पार्षद निधि का उपयोग किया जाना चाहिए …
10.पार्षद द्वारा अपने वार्ड के लिए स्वीकृत निधि से करवाये जाने वाले कार्यों को नागरिक निगरानी समिति की देख रेख में करवाना चाहिए … इस नागरिक निगरानी समिति का गठन हर बूथ के नागरिकों की सहभागिता से होना चाहिए …
हर कार्य के लिए समिति का गठन वार्ड सभा के माध्यम से किया जाना चाहिए यथा रोड निगरानी समिति , नाली निगरानी समिति , अतिक्रमण निगरानी समिति , सफाई व्यवस्था निगरानी समिति , स्ट्रीट लाइट निगरानी समिति, आवारा पशु निगरानी समिति आदि …. इन समितियों में हर बूथ से कम से कम एक व्यक्ति होना चाहिए और कोई भी व्यक्ति दो समितियों का मेंबर नहीं हो सकता …. इस प्रकार आम आदमी में अपने वार्ड के कार्यों के प्रति सहभागिता की भावना घर करेगी … कोई भी विकास कार्य इन निगरानी समितियों की देख रेख में संपन्न होगा और इन समितियों द्वारा हरी झंडी दिए जाने के बाद ही पार्षद नगर पंचायत को पैसों के भुगतान की अनुशंसा करेगा …