धरमजयगढ़ का फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक हुआ था आवंटित, सांसद के बेटे सहित जेएलडी यवतमाल के निदेशक को भी सजा
छत्तीसगढ़

Raigarh News : रायगढ़ के कोल ब्लॉक आवंटन में पूर्व सांसद को चार साल की सजा
धरमजयगढ़ का फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक हुआ था आवंटित, सांसद के बेटे सहित जेएलडी यवतमाल के निदेशक को भी सजा
रायगढ़, 26 जुलाई। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ स्थित फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक आवंटन मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा व उनके पुत्र को 4 साल कैद और 15 लाख जुर्माने की सजा सुनाई। उनके साथ जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज जायसवाल को भी 4 साल कैद की सजा सुनाई गई है। पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, दो वरिष्ठ अफसरों केएस क्रोफा और केसी सामरिया को भी 3-3 साल की सजा सुनाई है।

कोयला मंत्रालय ने फतेहपुर ईस्ट कोल ब्लॉक का आवंटन आरकेएम पावरजेन, वीसा पावर, एथेना इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, जेएलडी यवतमाल एनर्जी और वंदना विद्युत को किया था। पांचों कंपनियों ने मिलकर एक कंपनी फतेहपुर ईस्ट कोल प्रालि नामक कंपनी बनाई थी, जिसका काम कोयला खनन कर उनको सप्लाई करना था, लेकिन जेएलडी यवतमाल एनर्जी ने सही तथ्य प्रस्तुत नहीं किए। कंपनी को इसके पहले ही चार कोल ब्लॉक आवंटित किए थे।
तथ्य छिपाकर कोल ब्लॉक आवंटन करने के लिए पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा ने ही सिफारिश की थी। सीबीआई ने विजय दर्डा के पुत्र देवेंद्र दर्डा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, दो वरिष्ठ नौकरशाह केएस क्रोफा व केसी समारिया के साथ जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड व उसके निदेशक मनोज कुमार जायसवाल के खिलाफ अपराध दर्ज किए थे। स्पेशल कोर्ट ने 10 नवंबर, 2016 को सीबीआई जांच के आधार पर आईपीसी की धारा 120 बी और 420 समेत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए थे
अब अदालत ने सभी को दोषी मानते हुए बुधवार को सजा का ऐलान कर दिया है। इस कोल ब्लॉक को हासिल करने वाली पांचों कंपनियों में सभी की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो चुकी है। दरअसल अरबों का निवेश करने के बाद समय पर प्लांट नहीं लग पाने और कोल ब्लॉक न होने के कारण ऐसा हुआ। कुछ के प्रकरण एनसीएलटी में भी चल रहे हैं।

