धानमंडी में किसानों से करवाया जा रहा हमाल का कार्य, जमरगी-डी मंडी में किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी, किसान परेशान

रायगढ़ जिला के धरमजयगढ़ विकासखंड में मौजूद धान मंडी में आए दिन मंडी प्रबंधन द्वारा किसानों को परेशान करने की खबर सामने आ रही है। यहाँ के मंडी में किसानों को परेशान और उनके साथ भ्रष्टाचार करने के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला धर्मजयगढ़ के जमरगी- डी धान मंडी से सामने आया है।
यहां मंडी प्रबंधन द्वारा किसानों से हमाल के बदले सारा कार्य करवाया जा रहा है। वहीं धान के तौल में भी भारी गड़बड़ी की जा रही है। शासन द्वारा किसानों के लिए मंडी में हमाल की व्यवस्था की जाती है जिससे कि किसानों को अपना लेबर न लाना पड़े और उन्हें किसी प्रकार का कोई नुकसान ना हो l इसी के साथ किसानों के ठहरने के लिए टेंट व पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था करना भी अनिवार्य होता है पर जमरगी डी मंडी में शासन के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए दिन दहाड़े किसानों के साथ धोखाधडी की जा रही । सोचने वाली बात यह है कि जबसे धान खरीदी की शुरुआत हुई है तबसे ऐसा धोखाधडी किसानों के साथ किया जा रहा जिसपर विभागीय अधिकारियों की नजर क्यों नहीं पड़ रही। इसी का नतीजा है कि मंडी प्रबंधन के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे है। वहीं किसानों को धान इलेक्ट्रॉनिक काटे में तौला जा रहा वही अगर कोई किसान संतुष्ट नहीं होता तब की स्थिति में मंडी में कही भी तराजू की व्यवस्था नजर नहीं आती वही इलेक्ट्रॉनिक काटा हमेशा से संदेह के घेरे में रहता है। मंडी में किसानों से नियम के विरुद्ध जाकर 41 से 42 किलों के बीच धान लिया जाता है जबकि नियम अनुसार धान 40 किलो 700 ग्राम धान का ही बोरी में तौल किया जाना चाहिए पर मंडी प्रबंधन द्वारा अपनी मनमानी करते हुए किसानों से अधिक धान लिया जा रहा है। वहीं किसान स्वयं और अपने लेबर से धान की बोरी को लेजाकर समिति के बताये जगह पर रख रहे हैं, सैकड़ों धान की बोरियों पर चढ़कर ऊपर धान बोरी रखते समय किसानों के साथ कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है तब इसका जिम्मेदार कौन होगा…?
ज़ब इस सम्बन्ध में खाद्य निरिक्षक से बात की गई तब उन्होंने क्या कहा सुनिए 👇


