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धरमजयगढ़ विकासखंड में बिना अनुमति के लंबे समय से अवैध ईट भट्ठा की कारोबार चल रहा है….विभाग मौन क्यों??
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धरमजयगढ़ विकासखंड में बिना अनुमति के लंबे समय से अवैध ईट भट्ठा की कारोबार चल रहा है….विभाग मौन क्यों??
जय जोहार इंडिया TV न्यूज नेटवर्क रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड में अवैध लाल ईट बनाने का कारोबार लम्बे समय से चलता आ रहा है। जिसपर ना तो राजस्व विभाग कार्यवाही कर रही ना ही खनीज और पर्यावरण विभाग कोई कार्यवाही नहीं हो रही।
वही धरमजयगढ़ क्षेत्र में दुर्गापुर के चौराहे से कुछ दूरी 100-200 मीटर दूर बोरो सडक की दिशा में करीब 4-5 लाख लाल ईट के कई ईट भट्टे संचलित हो रहे जिनमें लाखों ईट बनाकर बेचा जा रहा।
यहां अवैध लाल ईट बिक्री का काम लम्बे समय से संचालित किया जा रहा है, सूत्रों से मिली जानकारी है की ईंट भट्ठा संचालक द्वारा यहां अवैध कच्चे ईट को जलाने के लिए पास ही जंगल से निकाले कोयले को रखा गया है। इससे पहले भी यहां लाखों ईट के कई भट्टे जलाए गए हैं।
जिसपर किसी का ध्यान नहीं गया। इन बिना परमिशन के ईट भट्टो का संचालन से क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा हैं।
प्रशासन द्वारा कार्यवाही के आभाव के कारण अवैध कारोबारी प्रशासन के नियमों को ताक पर रखकर अपना कारोबार चला रहे हैं ।अवैध ईंट भट्टों से हर माह लाखों का बिक्री किया जा रहा है। धरमजयगढ़ विकास खण्ड में संचलित सभी लाल ईट भट्टों के संचालक के पास कोई परमिशन नहीं है।
अनुमति नहीं होने के बाद भी प्रशासन से बिना डरे इनका साम्राज्य दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। अवैध लाल ईंट के निर्माण को रोकने राजस्व और खनिज विभाग को अधिकार है, और अगर जंगल से अवैध तरीके से कोयला लाकर ईंट को जलाया जाता है ईट भट्टो का संचालन के लिए, राजस्व, पर्यवरण, एवं खनिज विभाग से परमिशन लेने की आवश्यकता पड़ती हैं।
लेकिन यहां ये तीनों विभाग लाल ईट निर्माण को बंद या कार्यवाही नहीं तक नहीं कर रहे हैं। लाल या कच्चे भट्टे के लिये कारोबारी को राजस्व,पर्यावरण और खनिज विभाग से अनुमति लेना जरूरी होता है। पर यहां सभी बिना परमिशन के भट्टे संचालित कर रहे हैं। जिससे साल लाखों रूपये राजस्व क्षति शासन को हो रहा है।।
अब आगे देखना ये होगा की खबर चलने के बाद कोई अधिकारी संज्ञान लेते है या फिर…….!!

